ग्राम कचनारिया में रात 11 बजे तक चला सर्चिंग अभियान तालाब मे गिरी स्कार्पियों, सवार थे गांव के सरपंच

ग्राम कचनारिया में रात 11 बजे तक चला सर्चिंग अभियान
तालाब मे गिरी स्कार्पियों, सवार थे गांव के सरपंच
उज्जैन। शहर से 25 किलोमीटर दूर ग्राम कचनारिया में सोमवार शाम स्कार्पियों सहित गांव के सरपंच तालाब में गिर गये। कुछ पल में ही स्कार्पियों तालाब में पूरी तरह से समा गई। घटनाक्रम सामने आते ही परिवार और गांव वाले एकत्रित हो गये। नरवर पुलिस के साथ एसडीआरएफ टीम सरपंच और कार को बाहर निकलने के अभियान में लग गये। देर रात मशक्कत के बाद स्कार्पियों को बाहर निकाला जा सका। जिसमें सरपंच मौजूद थे, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।
नरवर थाना प्रभारी बल्लू मंडलोई ने बताया कि शाम 4.30 बजे के लगभग ग्राम कचनारिया के सरपंच ऋतुराजसिंह पिता धीरजसिंह झाला 56 वर्ष की स्कार्पियों घर के समीप तालाब में गिरने की खबर मिली थी। पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो सामने आया कि स्कार्पियों में सरपंच भी सवार थे। उन्हे निकालने के लिये स्थानीय स्तर पर प्रयास शुरू किये गये और एसडीआरएफ टीम को सूचना दी गई। कुछ देर में एसडीआरएफ टीम पहुंच गई। स्कार्पियों को निकालने के लिये क्रेन बुलाई गई। इस बीच अंधेरा गहराने लगा। लाईट की व्यवस्था कर तलाशी अभियान को आगे बढ़ाया गया। इस बीच पता चला कि स्कार्पियों गहराई में जाकर गड्ढÞे के बीच फंस गई है। जिसे निकालने के लिये पट्टा बांधा गया था जो बार-बार टूट रहा था, सरपंच ऋतुराज गाडी में फंसे हुए थे। गोताखारों को बुलाया गया लेकिन अंधेरा और गहराई होने के चलते परेशानी आ रही थी। बावजूद सात घंटे बाद रात 11 बजे एसडीआरएफ टीम के साथ ग्रामीणों की मेहनत सफल हो गई। स्कार्पियों को बाहर निकाल लिया गया था, जिसमें सरपंच भी मौजूद थे। उन्हे स्कार्पियों से बाहर निकालने के बाद एम्बुलेंस से चरक अस्पताल रवाना किया गया।
घर से खेत जाने के लिये निकले थे
सरपंच ऋतुराजसिंह झाला के छोटे भाई रघुराजसिंह ने बताया कि शाम को 4 बजे के लगभग स्कार्पियों से खेत जाने के लिये निकले थे। घर से कुछ दूरी पर ही तालाब बना हुआ है। परिवार ने गाड़ी में काम होने की बात भी कहीं। तालाब के पास ढलान होने से स्कार्पियों सहित गिरने की संभावना जताई जा रही है। भाई रघुराजसिंह के अनुसार ऋतुराजसिंह 1982 से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे थे। पहली बार वर्ष 2022 में चुनाव लड़कर सरपंच बने थे। जिसके बाद उन्होने गांव में काफी काम कराया है। गर्मी के दिनों में ही तालाब का गहरीकरण भी किया गया था।
निजी जमीन पर दिया स्कूल का रास्ता
घटनास्थल पर चर्चा के दौरान सामने आया कि सरपंच बनने के बाद ऋतुराजसिंह झाला ने गांव में कई काम कराये, यहीं नहीं स्कूल का रास्ता बनाने और गांव में ग्रामीणों के शमशान के लिये निजी जमीन दी। सरपंच के 2 बच्चे है, जिनकी शादी हो चुकी है। परिवार के उनके अलावा 2 भाई भी है। गांव में पंचायत भवन का निर्माण कार्य चल रहा था, जिसका 1 माह बाद ओपनिंग होने वाला है। उनके कार्यकाल में गांव में कई विकास कार्य हुए

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